जल यात्रा का उद्देश्य जल संग्रह व कन्या पूजन का उद्देश्य सृष्टि व प्रकृति को बचाना : पर्यावरणविद व पार्षद अमित | The water journey begins with the Kalash


जिला पार्षद ने छतरपुर के दर्जनों पूजा पंडालों से निकली जल यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं को कलश प्रदान कर किया शोभायात्रा का शुभारंभ

ट्री मैन डॉ कौशल व पार्षद अमित ने पर्यावरण धर्म के तहत क्षेत्र के दर्जनों पूजा पंडाल में मां दुर्गा के चरणों में समर्पित किया आम का पौधा

प्रतिनिधि, पलामू : पूरे देश में शारदीय नवरात्र पर लोग शक्ति की उपासना , पूजा अर्चना व साधना में लीन है । उक्त अवसर पर रविवार को छतरपुर पूर्वी से जिला पार्षद अमित कुमार जायसवाल और उनके पिता विश्व व्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्मगुरु व वनराखी मूवमेंट के प्रणेता पर्यावरणविद ट्री मैन ऑफ इंडिया डॉ कौशल किशोर जायसवाल ने कई स्थलों पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होकर मां दुर्गा और कन्या की पूजा अर्चना कर क्षेत्र की सलामती व सुख समृद्धि की दुआ मांगी। वहीं उन्होंने जल यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं को कलश देकर जल यात्रा का शुभारंभ किया। जिन प्रमुख जगहों से कलश यात्रा निकाली गई उसमें  रुदवा, केरकी कुटिया, बगैया, मुरूमदाग, विषयपुर, सहरसवा,  हेंसला, हेनहे बाजार चौक, सुंगरी, चराई,और करमा बाजार  आदि शामिल है।
पर्यावरण धर्म गुरु डॉ  कौशल ने पूजा की शुभकामना देते हुए कहा कि जल यात्रा में नदी से जल कलश में लेकर मां दुर्गा के चरणों में श्रद्धालु समर्पित कर  देश को जल संकट से वर्तमान व आने वाले पीढ़ी को बचाने की मन्नत मांगते हैं । उन्होंने कहा कि नवरात्रा में सृष्टि को बचाने के लिए देवी स्वरूपा कन्याओं को पूजन करने का विधान है वहीं पर्यावरण धर्म में प्रकृति कलश यात्रा में पौधा दान कर वृक्ष देव को पूजन कर प्रकृति को बचाने का विधान है। पर्यावरण धर्म में अपने जन्मदिन या कोई भी शुभ कार्य पर पौधा लगाने या दान करने का विधान है । उसी  विधान के तहत वे देश और दुनिया में लोगों को जागरूक करने में  दिन-रात लगे रहते हैं।  जिला पार्षद अमित कुमार जायसवाल ने कहा कि माँ दुर्गा ने  दस दिन तक महिषासुर से युद्धकर उसे पराजित की थी। वहीं भगवान राम ने भी माँ दुर्गा की उपासना  कर उनका आशीर्वाद लेकर रावण को पराजित किया था । इसीलिए पूरे सनातन संस्कृति को मनाने वाले लोग नवरात्रा एवं दशहरा में शक्ति स्वरूपा माँ की उपासना  करते है। क्षेत्र के विभिन्न जगहों पर आयोजित कार्यक्रमों में शामिल प्रमुख लोगों में शंभू मिश्र, चिरू मुखिया पति प्रमोद यादव, चराई मुखिया रविंद्र राम.व्यास चंदन. विश्वकर्मा.शिवनाथ सुरीला , गोविंद प्रसाद,सचिन पांडे,सुभाष गुप्ता, बसंत विश्वकर्मा, विंध्याचल पासवान, विजय पासवान.डॉ आया राम उरांव, नंदू विश्वकर्मा,  मुलायम सिंह यादव,मैनेजर विश्वकर्मा, जितेंद्र यादव,  दशरथ प्रसाद, बैजनाथ प्रसाद,कृष्ण यादव, संजय यादव, रामजतन यादव, मोती साव, मुरली प्रसाद, पंकज विश्वकर्मा,कपिल सिंह, राकेश ठाकुर. महेंद्र सिहं प्रवेश भुईयां आदि शामिल थे।

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